दीपावली-छठ पर बिहार लौटना हुआ मुश्किल, ट्रेनों में सीट गायब, आसमान पर हवाई किराया

Bihar News: ट्रेनों में सीटें नदारद हैं और हवाई किराए ने जैसे पर लगा लिए हों। आम मुसाफ़िरों के लिए घर लौटना किसी जंग से कम नहीं।

Bihar News: दीपावली और छठ जैसे बड़े त्योहारों में अपने घर-परिवार के संग मिलन की चाह लिए लाखों प्रवासी दिल्ली से बिहार लौटने की तैयारी में हैं, मगर इस बार सफ़र आसान नहीं दिख रहा। ट्रेनों में सीटें नदारद हैं और हवाई किराए ने जैसे पर लगा लिए हों। आम मुसाफ़िरों के लिए घर लौटना किसी जंग से कम नहीं।

रेलवे और एयरलाइंस  दोनों ही अपने स्तर पर इंतज़ामात में जुटे हैं। दिल्ली से बिहार जाने वालों की तादाद देखते हुए रेलवे ने दर्जनों पूजा स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं। वहीं एयरलाइंस कंपनियों ने भी अतिरिक्त उड़ानें शुरू की हैं। बावजूद इसके, टिकटें नसीब होना मुश्किल है। हर ट्रेन में वेटिंग लिस्ट सैकड़ों में पहुँच चुकी है, जबकि ऑनलाइन बुकिंग पोर्टल पर सीटें “नो अवेलेबिलिटी” दिखा रही हैं।

गोआईबीबो और अन्य ट्रैवल एप्स पर जो किराया सामने आया, उसने यात्रियों की परेशानियां और बढ़ा दी हैं। बुधवार को दिल्ली से पटना की फ्लाइट का किराया ₹31,818 तक पहुँच गया — जो आम दिनों के मुकाबले लगभग तीन गुना है। मुंबई से पटना का किराया ₹19,880, बेंगलुरु से ₹15,480, चेन्नई से ₹25,440, पुणे से ₹22,218, और हैदराबाद से ₹18,026 रुपये तक जा पहुँचा। कोलकाता से आने वालों को भी ₹10,730 तक चुकाने पड़ रहे हैं।

रेलवे की ओर से जानकारी मिली है कि दीपावली और छठ के दौरान लगभग 100 से अधिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया जाएगा, जो करीब 4000 फेरे लगाएंगी। फिर भी, तेजस, वंदे भारत, राजधानी, संघमित्रा, लोकमान्य तिलक और कुर्ला एक्सप्रेस जैसी तमाम ट्रेनों में कोई भी श्रेणी स्लीपर, एसी या जनरल  खाली नहीं है।

जो लोग घर जाकर त्योहार मनाने की आस लगाए बैठे हैं, उनके लिए अब बस या निजी वाहन ही आख़िरी विकल्प बचा है। लेकिन लंबा सफ़र, भारी ट्रैफिक और बढ़ता खर्च, इन सबने त्योहार की उमंग पर पानी फेर दिया है।

आम आदमी के लिए यह सफ़र अब सिर्फ़ दूरी नहीं, बल्कि जेब और सब्र दोनों की कड़ी परीक्षा बन गया है  एक ओर दीपों का पर्व है, तो दूसरी ओर टिकटों का अंधेरा।

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