Gold Silver Price: दिवाली और धनतेरस से पहले दिल्ली के सर्राफ़ा बाज़ार में सोने-चांदी की कीमतों में ऐसी तेजी आई है कि पुराना हर रिकॉर्ड टूट गया है।

Gold Silver Price: दिवाली और धनतेरस से पहले दिल्ली के सर्राफ़ा बाज़ार में सोने-चांदी की कीमतों में ऐसी तेजी आई है कि पुराना हर रिकॉर्ड टूट गया है। मंगलवार को 99.9% शुद्धता वाला सोना ₹2,850 की छलांग लगाकर पहली बार ₹1,30,800 प्रति 10 ग्राम के ऐतिहासिक स्तर पर पहुँच गया। वहीं 99.5% शुद्धता वाला सोना भी ₹1,30,200 तक जा पहुँचा। चाँदी ने भी इसी अंदाज़ में नया रिकॉर्ड बनाया है। बाज़ार के माहिरों का कहना है कि ‘धनतेरस’ से पहले आभूषण कारोबारियों और खुदरा ख़रीदारों की भारी मांग ने इस तेजी को हवा दी है।
बीते कुछ महीनों में सोने की चमक दुनिया भर में बढ़ी है। अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में पहली बार सोना $4,000 प्रति औंस के स्तर को पार कर गया। भारत में 10 ग्राम शुद्ध सोने की कीमत ₹1,30,000 से ऊपर निकल चुकी है। यह उछाल सिर्फ त्योहारी नहीं, बल्कि आर्थिक अनिश्चितता और अंतरराष्ट्रीय तनाव का नतीजा भी है। अमेरिका और यूरोप के केंद्रीय बैंकों ने अगस्त 2025 में लगभग 19 टन सोना खरीदा — जो जुलाई के मुक़ाबले कहीं ज़्यादा है। इसका मतलब है कि बड़े संस्थान भी सोने को सुरक्षित निवेश का सहारा मान रहे हैं।
2008 की वैश्विक मंदी से लेकर कोविड महामारी तक, हर संकट में सोना एक “सुरक्षित पनाहगाह” साबित हुआ है। सेंसेक्स की तुलना में पिछले 15 वर्षों में सोने ने ज़्यादा भरोसेमंद रिटर्न दिए हैं। इस साल अब तक इसमें 51% से ज़्यादा की बढ़ोतरी दर्ज हुई है। रुपया गिरने और डॉलर के कमज़ोर पड़ने से भी घरेलू सोने की कीमत में अतिरिक्त उछाल आया है, जिससे पुराने निवेशकों की पूँजी का मूल्य और बढ़ गया है।
चाँदी की बात करें तो उसने भी इस बार वाक़ई “चाँदी” काटी है। पिछले एक साल में चाँदी के फंड ने लगभग 77% का शानदार रिटर्न दिया है। औद्योगिक मांग और सप्लाई की कमी ने इसे नई ऊँचाइयों पर पहुँचा दिया है। इलेक्ट्रिक वाहनों, सौर पैनलों और इलेक्ट्रॉनिक्स में चाँदी की बढ़ती खपत ने बाज़ार को और तेज़ बना दिया है। विशेषज्ञों के मुताबिक, चाँदी की आपूर्ति में कमी का यह पाँचवाँ वर्ष है — जिससे इसका भाव और ऊपर जाने की उम्मीद है।